Sunday, June 11, 2017

कुख्यात ठग नटवरलाल के बारे में 7 तथ्य जो आप शायद ही जानते होंगे



कुख्यात ठग नटवरलाल के बारे में 7 तथ्य जो आप शायद ही जानते होंगे









नटवरलाल। नाम ही काफी है। जी हां, नटवरलाल का नाम ठगी का पर्यायवाची शब्द और मुहावरा बन गया है। सत्तर, अस्सी और नब्बे के दशकों में एक के बाद एक कई ठगी की घटनाओं को अन्जाम देकर नटवरलाल भारत का कुख्यात ठग बन गया। कानून की नजर में नटवर की गतिविधियां भले ही अपराध हों, लेकिन वह इसे एक समाजसेवा मानता था।



अपने जीवनकाल में करोड़ों रुपए ठगने वाले नटवर का कहना था कि वह लोगों से झूठ बोलकर पैसे मांगता है और लोग उसे देते हैं, इसमें उसका क्या कसूर है। यही नहीं, नटवरलाल का दावा था कि अगर सरकार इजाजत दे तो वह ठगी के माध्यम से भारत का विदेशी कर्ज उतार सकता है। हम आपको बताएंगे नटवरलाल के बारे में, जो अपनी ठगबुद्धि की वजह से कई दशकों तक भारत का मोस्ट वान्टेड मैन बना रहा।




1. नटवरलाल का वास्तविक नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था और वह पेशे से एक वकील था।


उसका जन्म सीवान जिले के जीरादेई गांव से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव बंगरा में हुआ था। अब नटवरलाल यहां दन्तकथाओं में याद किया जाता है।


2. उसने भारत की कई ऐतिहासिक धरोहरों को बेच दिया। जी हां, यह सच है।


नटवरलाल ने तीन बार ताजमहल, दो बार लाल क़िला और एक बार राष्ट्रपति भवन को बेच दिया। यही नहीं, एक बार तो उसने भारत के संसद भवन को भी बेच दिया था।

3. नटवरलाल को वेश बदलने में महारत हासिल थी। उसने एक बार राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का फर्जी हस्ताक्षर कर ठगी की थी।




नटवरलाल उसके 52 ज्ञान नामों में से एक था। कहा जाता है कि नटवरलाल ने धीरूभाई अम्बानी, टाटा और बिरला घटना के उद्योगपतियों के अलावा सरकारी अधिकारियों से भी ठगी की थी।

4. नटवरलाल पकड़ा गया। उसे 113 साल की सजा हुई।





मोस्ट वान्टेड अपराधियों में की लिस्ट में शुमार नटवरलाल के खिलाफ 8 राज्यों में 100 से अधिक मामले दर्ज थे। वह अपने जीवनकाल में 9 बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन प्रत्येक बार किसी न किसी तरह पुलिस की चंगुल से भाग निकला। अंतिम बार जब वह पुलिस की पकड़ से भागा, तब उसकी आयु 84 साल थी। 24 जून 1996 को उसे कानपुर जेल से एम्स(AIIMS) अस्पताल लाया जा रहा था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस टीम को चकमा देकर वह भाग निकला। इस घटना के बाद उसे फिर कभी देखा नहीं जा सका।


5. मरने में भी कर ली ठगी।





नटवरलाल ने मरने का नाटक कर भी लोगों से ठगी की थी। वर्ष 2009 में नटवरलाल के वकील ने उसके खिलाफ दायर 100 मामलों को हटाने की याचिका दायर की थी। उसने दलील दी कि 25 जुलाई 2009 को नटवरलाल मर चुका है। लेकिन नटवरलाल के भाई का दावा है कि उसकी मौत करीब 13 साल पहले वर्ष 1996 में ही हो गई।

6. बॉलीवुड के नटवरलाल।



नटवरलाल के जीवन से प्रेरित होकर बॉलीवुड में एक फिल्म बनी, मिस्टर नटवरलाल। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अमिताभ बच्चन। अभी हाल ही में राजा नटवरलाल नामक एक फिल्म बनी है, जिसमें मुख्य भूमिका निभाई है इमरान हासमी ने।




7. आपराधिक वारदातों को अन्जाम देने के बावजूद नटवरलाल के प्रशंसकों की संख्या कम नहीं थी।


बिहार में उसके गांव के लोगों की मांग थी कि यहां नटवरलाल के नाम एक स्मारक की स्थापना की जाए। यहां लोग मानते हैं कि नटवरलाल एक भला आदमी था और लोगों की मदद करता था। नटवरलाल से प्रभावित होकर कई लोग उसके शागिर्द बने। लेकिन कोई भी उसके सरीखा नहीं हुआ।



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