हसरातों की निगाहो पे सख़्त पहरा है ना जाने किस उम्मीद पे यह दिल तेहरा है तेरी चाहतों की कसम, आए दोस्त अपनी दोस्ती का रिश्ता प्यार से भी गहरा है.
दोस्त की कमी महसूस होती है एक हसीन सुहाने पल की कमी महसूस होती है जब तू साथ हो हर खुशी महसूस होती है मेरी थमी हुई साँस बी पूरी होती है
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है, झुकी निगाह को इकरार कहते है सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नही. कुछ खोने को भी प्यार कहते है.
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