Monday, July 3, 2017

दारा सिंह ,जिन्होंने कुश्ती के साथ साथ फिल्मो में भी अपना जौहर दिखाया Dara Singh Biography in Hindi

दारा सिंह ,जिन्होंने कुश्ती के साथ साथ फिल्मो में भी अपना जौहर दिखाया Dara Singh Biography in Hindi




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कुश्ती में दुनिया भर के पहलवानों को धुल चटाकर “रुस्तम-ए-हिन्द” का ख़िताब पाने वाले दारा सिंह Dara Singh ने फिल्मो में भी एक लम्बी और कामयाब पारी खेली | साथ ही धारावाहिक “रामायण ” में उन्होंने हनुमान का किरदार निभाया | इस किरदार से वह घर घर पहचाने जाने लगे | 19 नवम्बर 1928 को पंजाब राज्य के अमृतसर जिले के निकट धरमु चक में पैदा हुए Dara Singh दारा सिंह रंधावा को बचपन से ही पहलवानी का शौक था | अखाड़े में उनकी महारथ से उनकी शोहरत धीरे धीरे हर तरफ फैलने लगी और शुरुवाती दौर में कस्बो और शहरों में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले Dara Singh दारा सिंह ने बाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवानों से मुकाबला किया |


“रुस्तम-ए-हिन्द” के अलावा “रुस्तम-ए-पंजाब” के नाम से भी पुकारे जाने वाले Dara Singh दारा सिंह बाद में राष्ट्रमंडल खेलो में भी कुश्ती चैंपियन रहे | इसमें उन्होंने कनाडा के चैंपियन जोर्ज गोंड़ीयाको को हराया | इससे पहले वह भारतीय कुश्ती चैंपियनशिप पर कब्जा जमा चुके थे |  वर्ष 1968 में उन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप भी जीत ली | कुश्ती के दिनों में ही उन्हें फिल्मो में काम मिलना शुरू हो गया था | कई जगहों पर तो कहा जाता है कि पर्दे पर कमीज उतारने वाले वह पहले हीरो थे |

सन 1952 में आई फिल्म “संगदिल” में छोटे लेकिन अहम रोल से उन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुवात की थी | उसके बाद उनकी कुछ ओर फिल्मे आई | 1962 में आई बाबू भाई मिस्त्री की फिल्म “किंगकोंग” से Dara Singh दारा सिंह उस दौर की स्टंट फिल्मो के बड़े स्टार बन गये | उसके बाद तो “हर्कुलस”,संग्राम ,रुस्तम-ए-हिन्द,शेर दिल ,शंकर खान और टार्जन सीरीज की फिल्मो ने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर पहुचा दिया

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सन 1970 में Dara Singh दारा सिंह  ने “दारा फिल्म्स” नाम से प्रोडक्शन कम्पनी की शुरुवात करते हुए “भगत धन्ना जाट “नामक एक पंजाबी फिल्म बनाई ,जिसे उन्होंने डायरेक्ट भी किया था | उन्होंने डायरेक्टर चन्द्रकान्त की कई पौराणिक फिल्मो में हनुमान और बलराम जैसे किरदार निभाए | यह उनके नाम की लोकप्रियता का असर था कि केदार कपूर ने उन्हें लेकर “दारा सिंह” नाम की ही एक फिल्म बना डाली |दारा सिंह ने 125 से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया था | पंजाबी फिल्मो में सफल रहने के साथ साथ वह करैक्टर आर्टिस्ट के तौर पर भी कई हिट हिंदी फिल्मो का हिस्सा रहे जैसे “आनन्द” ,”मेरा नाम जोकर ” ,”हम एक है “, “मर्द”, “कर्मा ” ,”धर्मात्मा “,”कल हो ना हो ” अदि |






Dara Singh दारा सिंह ने “मेरा देश मेरा धर्म  (1973)” , “भक्ति में शक्ति  (1978)” और “रुस्तम (1982)” जैसी हिंदी फिल्मे भी निर्देशित की | वह इन फिल्मो के प्रोडूसर भी थे और बतौर प्रोडूसर उन्होंने एक ओर हिंदी फिल्म “किसान और भगवान ” भी बनाई थी | फिल्म “भक्ति में शक्ति ” के वह लेखक भी थे | इनके अलावा पंजाबी फिल्म “सवा लाख से एक लडाऊ” के लेखक और निर्माता निर्देशक भी वही थे | उन्होंने 10 ओर पंजाबी फिल्मे बनाई थी | उनकी अंतिम पंजाबी फिल्म “दिल अपना पंजाबी ” थी | उनकी फिल्म “जग्गा ” के लिए भारत सरकार ने उन्हें सर्वश्रेष्ट अभिनेता का पुरुस्कार भी दिया था |

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कई फिल्मो में हनुमान का रोल निभा चुके Dara Singh दारा सिंह ने जब रामानन्द सागर के अति चर्चित टीवी सीरियल “रामायण ” में जब हनुमान का रोल किया तो वह इस तरह से घर घर में पूजनीय हो गये थे | वह आखिरी बार अभिनेता के तौर पर इम्तियाज अली की 2007 में रिलीज़ फिल्म “जब वी मेट” में करीना कपूर के दादा के रोल में नजर आये थे | इसके बाद 2012 में राजपाल यादव की फिल्म “अता पता लापता ” में आखिरी बार बतौर गेस्ट कलाकार के रूप में पर्दे पर नजर आये थे |





उन्होंने 1994 में अपने बेटे बिंदु को बतौर हीरो लांच करने के लिए एक फिल्म “करन” का निर्माण किया | यह फिल्म तो नही चली लेकिन विंदु हिंदी फिल्मो के एक चर्चित कलाकार जरुर बन गये | दारा सिंह 1983 को कुश्ती से रिटायर्ड हो चुके थे | वह सामाजिक कार्यो में बढ़ चढकर हिस्सा लेते रहे | इस पहलवान अभिनेता ने 83 वर्ष की उम्र में 12 जुलाई 2012 को मुम्बई में अंतिम साँसे ली | आज Dara Singh दारा सिंह हमारे बीच नही है लेकिन फिर भी कुश्ती के अखाड़ो में उनका नाम आदर्श गुरु के रूप में लिया जाता है |

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