जयपुर का शानदार जयगढ़ किला | Jaigarh Fort Jaipur History In Hindi
इस किले को
-box; color: blue;">आमेर किले के आकार में ही बनाया गया है, और Jaigarh Fort को भी विजयी किले के नाम से ही जाना जाता है. उत्तर-दक्षिण से इसकी लम्बाई 3 किलोमीटर (1.9 मीटर) और चौड़ाई 1 किलोमीटर (0.62 मीटर) है. इस किले को “जयवैन” के नाम से भी जाना जाता है, देखा जाये तो इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप भी बनी हुई है. महल के कॉम्प्लेक्स में लक्ष्मी विलास, ललित मंदिर, विलास मंदिर और आराम मंदिर भी बना हुआ है और एक हथियार ग्रह और म्यूजियम भी बना हुआ है. जयगढ़ किला और आमेर किला एक ही कॉम्प्लेक्स से जुड़ा हुआ है.
जयगढ़ किला का इतिहास – Jaigarh Fort Jaipur History In Hindi
प्राचीन समय में आमेर धुन्धर के नाम से जाना जाता था.
आमेर के किले का, प्राचीन राजा और मीनाओ के काल में डेटिंग के लिये उपयोग किया जाता था. और यही किला आज जयगढ़ किले के नाम से जाना जाता है. वास्तव में यह किला आमेर किले की सुरक्षा के लिये बनाया गया था. किले में स्थित सागर तालाब में पानी को इकट्टा करने की उचित व्यवस्था है. किले का निर्माण, सेना की सेवा के उद्देश्य से किया गया था जिसकी दीवारे लगभग 3 किमी. के क्षेत्र में फैली हुई है. किले के शीर्ष पर एक विशाल तोप रखी है जिसे जयवैन कहा जाता है. इस तोप का वजन 50 टन है.
इस तोप में 8 मीटर लम्बे बैरल रखने की सुविधा है जो दुनिया भर में पायी जाने वाली तोपों के बीच सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तोप है. किले के सबसे ऊँचे पॉइंट पर दिया बुर्ज है जो लगभग सात मंजिलो पर स्थित है, यहाँ से पुरे शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है.
आमेर के किले का, प्राचीन राजा और मीनाओ के काल में डेटिंग के लिये उपयोग किया जाता था. और यही किला आज जयगढ़ किले के नाम से जाना जाता है. वास्तव में यह किला आमेर किले की सुरक्षा के लिये बनाया गया था. किले में स्थित सागर तालाब में पानी को इकट्टा करने की उचित व्यवस्था है. किले का निर्माण, सेना की सेवा के उद्देश्य से किया गया था जिसकी दीवारे लगभग 3 किमी. के क्षेत्र में फैली हुई है. किले के शीर्ष पर एक विशाल तोप रखी है जिसे जयवैन कहा जाता है. इस तोप का वजन 50 टन है.
इस तोप में 8 मीटर लम्बे बैरल रखने की सुविधा है जो दुनिया भर में पायी जाने वाली तोपों के बीच सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तोप है. किले के सबसे ऊँचे पॉइंट पर दिया बुर्ज है जो लगभग सात मंजिलो पर स्थित है, यहाँ से पुरे शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है.
जयगढ़ किला की कुछ रोचक बाते – Jaigarh Fort Interesting Facts
# जयगढ़ किले को विजय किले के रूप में भी जाना जाता है. यह जयपुर के विख्यात पर्यटन स्थलों में से एक है जो शहर से 15 किमी. की दुरी पर स्थित है. यह इगल्स के हील पर आमेर किले से 400 फूट की ऊंचाई पर स्थित है. इस किले के दो प्रवेश द्वार है जिन्हें दंगुर दरवाजा और अवानी दरवाजा कहा जाता है जो क्रमशः दक्षिण और पूर्व दिशाओ पर बने हुए है.
# जयगढ़ किला महाराजा जय सिंह ने 18वीं सदी में बनवाया था और यह शानदार किला जयपुर में अरावली की पहाडि़यों पर चील का टीला पर स्थित है. विद्याधर नाम के वास्तुकार ने इसका डिज़ाइन बनाया था और इस किले को जयपुर शहर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने के लिए बनवाया गया था. इस किले के उंचाई पर स्थित होने के कारण इससे पूरे जयपुर शहर को देखा जा सकता है. यह मुख्य रुप से राजाओं की आवासीय इमारत था लेकिन बाद में इसका इस्तेमाल शस्त्रागार के तौर किया जाने लगा. इतिहास और वास्तुकला जयगढ़ किले के पीछे एक समृद्ध इतिहास है. मुगल काल में जयगढ़ किला राजधानी से 150 मील दूर था और सामान की बहुतायत के कारण मुख्य तोप ढुलाई बन गया. यह हथियारों, गोला बारुद और युद्ध की अन्य जरुरी सामग्रियों के भंडार करने की जगह भी बन गया. इसकी देखरेख दारा शिकोह करते थे, लेकिन औरंगज़ेब से हारने के बाद यह किला जय सिंह के शासन में आ गया और उन्होंने इसका पुनर्निमाण करवाया. इस किले के इतिहास से जुड़ी एक और रोचक कहानी है.
# लोककथाओं के अनुसार, शासकों ने इस किले की मिट्टी में एक बड़ा खजाना छुपाया था. हालांकि एैसे खजाने को कभी बरामद नहीं किया जा सका. पहाड़ की चोटी पर स्थित होने के कारण इस किले से जयपुर का मनोरम नज़ारा देखा जा सकता है. बनावट के हिसाब से यह किला बिलकुल अपने पड़ोसी किले आमेर किले के जैसा दिखता है जो कि इससे 400 मीटर नीचे स्थित है. विक्ट्री फोर्ट के नाम से भी प्रसिद्ध यह किला 3 किलोमीटर लंबा और 1 किलोमीटर चौड़ा है. इस किले की बाहरी दीवारें लाल बलुआ पत्थरों से बनी हैं और भीतरी लेआउट भी बहुत रोचक है. इसके केंद्र में एक खूबसूरत वर्गाकार बाग मौजूद है. इसमें बड़े बड़े दरबार और हॉल हैं जिनमें पर्देदार खिड़कियां हैं. इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप भी है. इस विशाल महल में लक्ष्मी विलास, विलास मंदिर, ललित मंदिर और अराम मंदिर हैं जो शासन के दौरान शाही परिवार रहने पर इस्तेमाल करते थे. दो पुराने मंदिरों के कारण इस किले का आकर्षण और बढ़ जाता है, जिसमें से एक 10वीं सदी का राम हरिहर मंदिर और 12वीं सदी का काल भैरव मंदिर है.
# बड़ी-बड़ी दीवारों के कारण यह किला हर ओर से अच्छी तरह सुरक्षित है. यहां एक शस्त्रागार और योद्धाओं के लिए एक हॉल के साथ एक संग्रहालय है जिसमें पुराने कपड़े, पांडुलिपियां, हथियार और राजपूतों की कलाकृतियां हैं. इसके मध्य में एक वाच टावर है जिससे आसपास का खूबसूरत नज़ारा दिखता है पास ही में स्थित आमेर किला जयगढ़ किले से एक गुप्त मार्ग के ज़रिए जुड़ा है. इसे आपातकाल में महिलाओं और बच्चों को निकालने के लिए बनाया गया था. आमेर किले में पानी की आपूर्ति के लिए इसके केंद्र में एक जलाशय भी है.
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