Sunday, June 25, 2017

प्रधान का चुनाव हारा और पप्पू बन बैठा आनंदपाल सिंह






प्रधान का चुनाव हारा और पप्पू बन बैठा आनंदपाल सिंह







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प्रदेश भर की पुलिस आनंदपाल सिंह को तलाश कर ही है लेकिन आनंदपाल सिंह नाम के एक फेसबुक पेज पर कुछ लोग उसे अपराधी बनाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।  फेसबुक पेज पर कुछ मंत्रियों और एक पूर्व डीजीपी का नाम चल रहा है। इन पर आरोप हैं कि इन्ही लोगों ने गांव के सीधे-साधे पप्पू उर्फ आनंद को खूंखार अपराधी आनंदपाल सिंह बनने पर मजबूर कर दिया है। हांलाकि पुलिस इस मामले से पूरी तरह से पल्ला झाड़ रही है।

इस कारण नाम से पहले लगने लगा कुख्यात
फेसबुक पेज पर चल रही एक पोस्ट इन दिनों सबका ध्यान खींच रही है। पोस्ट में बताया गया है कि टीचर बनने की इच्छा रखने वाला एक व्यक्ति खूंखार अपराधी बन गया। बात पप्पू उर्फ आनंदपाल सिंह की हो रही है। 





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बात 1999- 2000 में हुए पंचायती राज चुनाव में सांवराद से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव निर्दलीय जीत कर भा.ज.पा. से प्रधान का चुनाव लड़ा इस चुनाव में कांग्रेस से पूर्व केबिनेट मंत्री हरजी राम बुरड़क का पुत्र जगनाथ उमीदवार था जिसमे आनंदपाल भा ज पा की टिकट पर मात्र 2 वोट से चुनाव हार गया और लाडनूं पंचायत समिति का प्रधान जगनाथ बुरड़क बना और नेता प्रतिपक्ष बन गया।



उसके बाद  नवम्बर 2000 में लाडनूं पंचायत समिति के स्थाई समितियों का चुनाव हुआ जहाँ विधायक हरजी राम बुरड़क व् आनंद पाल के मध्य तकरार हुई। आरोप हैं कि तकरार लादु सिंह धुडीला के आवेदन जमा नहीं करने पर हुई जिससे नाराज विधायक ने विकास अधिकारी रमेश चंद्र से राजकार्य में बाधा पहुचाने का मामला लाडनूं थाने में आनंद पाल और जिला परिषद सदस्य खींवा राम घिंटाला व सुरजन सिंह घिरडोदा के विरुद्ध मु.स.36/2000 दर्ज करवाया । 






जिसकी जांच एसआई चंद्रा राम को दी गई। हांलाकि अपराध की धारा जमानती होने के कारण विधायक नाराज हो गए। इस मामले के बाद अशोक सैनी नाम के एक अन्य व्यक्ति ने ३७/2000 एफआईआर संख्या का मामला दर्ज कराया। मामला डराने, धमकाने और जान से मारने का था। सभी धाराए गैर जमानती थी। 

जिसमे आनंद के छोटे भाईयों का भी नाम था। इस मामल के बाद आनंद के कुछ नजदीकी और राजनीती से ताल्लुक रखने वाले किसान नेता भागीरथ यादव वं संजय शर्मा नाम के दो व्यक्ति एसपी से भी मिले। लेकिन एसपी ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। कारण का पता चला तो बात सामने आई कि एक पूर्व डीजी और कांगे्रस के एक बड़े नेता का पूरे मामले मंे रोल है। बस उसके बाद आनंदपाल ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और अपने भाईयों के साथ मिलकर  में सरे बाजार एक शराब कारोबारी की हत्या कर दी। उसके बाद उसने पीछे मुडकर नहीं देखा

चाहते हैं समर्थक हो उन पर भी कार्रवाई



आनंदपाल सिंह की राबिन हुड ईमेज बनाने वाले उसके समर्थ चाहते हैं कि उन लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो जिन्होनें आनंद को एक कुख्यात अपराधी बनाया है। उनमें कुछ बडे नेता और आईपीएस अफसरों के भी नाम हैं। चर्चा तो यहां तक भी है कि   लाडनू के न्यायलय में अशोक सैनी नाम के एक व्यक्ति ने अपने एसआई चंद्र राम और एक विधायक पर आरोप लगाया है कि उन्होनें उस पर दबाव बनवाया और झूठे मामले दर्ज कराए।





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आनंदपाल सिंह की तलाश में पुलिस अफसर लगे हुए हैं। तलाश जारी है। उसके बहुत से साथियों को पकड़ा भी गया है। आनंदपाल सिंह के नाम से बहुत से फेसबुक पेज चल रहे हैं। उनकी भी लगातार मॉनिटरिंग चल रही है।





हत्या - 24-06-2017 को मेरा गया


मनोज भट्ट, डीजीपी राजस्थान पुलिस




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