Wednesday, June 21, 2017

दावूद इब्राहीम की कहानी | Dawood Ibrahim biography in Hindi

दावूद इब्राहीम की कहानी | Dawood Ibrahim biography in Hindi









पूरा  नाम   – दावूद इब्राहीम कसकर / Dawood Ibrahim Kaskar
जन्म        – 26 दिसम्बर 1955
जन्मस्थान – रत्नागिरी जि. (महाराष्ट्र)
पिता        – इब्राहीम कसकर (Dawood Ibrahim Father)
माता        – अमीना बी

दावूद इब्राहीम की कहानी – Dawood Ibrahim biography in Hindi





दावूद इब्राहीम का जन्म 26 दिसम्बर 1955 को भारत के कोंकणी मुस्लिम परिवार में रत्नागिरी जिले में हुआ जो बाद में बॉम्बे (महाराष्ट्र) बना। उनके पिता इब्राहीम कसकर क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) के उच्च पद के अधिकारी थे और उनकी माता अमीना एक गृहिणी थी। वे मुंबई के डोंगरी में बड़े हुए और वाही उनका संपर्क मोबस्तर हाजी मस्तान के दल से हुआ, और इब्राहीम के दो लोगो पर हमले होने के बाद, दावूद इब्राहीम ने अपने भाई शबीर इब्राहीम कसकर के साथ डी-कंपनी की स्थापना की।
दावूद इब्राहीम सुस्पष्ट रूप से मुंबई के भारतीय संघठित Crime Syndicate D-Company के संस्थापक है। वे धोका, अपराधिक षड्यंत्र और अपराधिक संस्था चलाने के जुर्म में आज अंतर्राष्ट्रीय पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल है। वे फ़ोर्ब्स की दुनिया के सभी समय के सबसे लोकप्रिय अपराधियों की 2011 की सूचि में तीसरे नंबर है, जो 2008 में चौथे नंबर पर थे। और जुलाई 2015, से इब्राहीम की इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग करने पर और भारतीयों का और भारत का अनैतिक तरीको से शोषण करने पर उसे दोषी भी ठहराया जा चूका है। 1993 में बॉम्बे बम्ब धमाको के बाद, जो दावूद इब्राहीम ने ही रचा था और उसमे दावूद ने आर्थिक रूप से मदत भी की थी, तब से दावूद भारतीय पुलिस का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बन चूका है।



यूनाइटेड स्टेट के अनुसार, दावूद ने अलकायदा और ओसामा बिन लादेन के साथ गुप्त रिश्ते बनाये हुए है। और परिणामतः, यूनाइटेड स्टेट ने 2003 में दावूद को “खास तौर पर निर्द्रिष्ट किया हुआ विश्वव्यापी अपराधी” बताया और लगातार दावूद का पीछा करती रही ताकि वह उसके दुनिया पर हमले करने के उद्देश को नाकाम कर सके। बुश सरकार ने इब्राहीम और उनकी संस्था पर कई सारे Sanctions भी लागू किये। भारतीय और रुसियन गुप्त संस्थाओ ने ये पता भी लगाया की और भी कई सारे होने वाले अपराधो में दावूद का हात था, जिसमे 2008 का मुंबई हमला भी शामिल है। 2010 में US सम्मलेन में ये दावा किया की, “डी-कंपनी ये एक कुटनीतिक समझौता है” जो पाकिस्तानी ISI का है। भले ही वो आज तक छुपता आया हो लेकिन खबरों के अनुसार वो पकिस्तान के कराची में है, लेकिन पकिस्तान सरकार ये मानने से हमेशा इनकार करती रही।
दावूद इब्राहीम का विश्वास था की वो हवाला पद्धति का उपयोग कर के आसानी से पैसे एक देश से दुसरे देश में भेज सकता है क्यू की वो जानता था की वहा कई लोग उसकी मदत कर सकते थे, और वहा से वो भारत की कई संस्थाओ को संभल सकता है।




Dawood Ibrahim एक कुशल योजना बनाने वाला व्यक्ति था इसलिए उसने मार्च 1993 बम हमले में Ramana का साथ दिया और 2003 में, भारत और यूनाइटेड स्टेट ने इब्राहीम को एक “विश्वव्यापी अपराधी” बताया। इब्राहीम फिलहाल भारत की “मोस्ट वांटेड लिस्ट” में टॉप पर है।
उधर यूनाइटेड स्टेट ने भी इब्राहीम को इंटरनेशनल सेंशन कार्यक्रम में दोषी पाते हुए और अपराधी घोषित किया। डिपार्टमेंट और ट्रेज़री ने इब्राहीम के सारे गुनाहों की लिस्ट बना रखी है जिसमे उसके साऊथ एशिया के साथ Smuggling भी शामिल है। उनके इस शीट में यह भी कहा गया है की दावूद की डी-कंपनी में अलकायदा जैसी और दूसरी अपराधिक संस्थाओ का भी हात है। और गुप्त सूचनाओ से ये पता चला है की दावूद का ओसामा बिन लादेन के साथ भी संपर्क था जो अभी-अभी मारा गया (2 मई 2011)।
यूनाइटेड स्टेट ने दावूद इब्राहीम और उस से सम्बंधित सहकर्मियों का अपने और आस पास के देश में यात्रा करना वर्जित कर रखा है। ऐसा भी मान जाता हैं कि दावूद का पुरे विश्व के आतंकवादी संघटनाओ के साथ सम्पर्क है। और 2002 में गुजरात में लक्षर-इ-तयबा द्वारा किये गए आतंकवादी हमलो में भी दावूद का बड़ा हात था, क्यू की वो इस तरह की संस्थाओ को अधिकतर मदत करता रहता था। लेकिन भारतीय पुलिस ने दावूद का डर पुरे विश्व से समाप्त करने के उद्देश से दिल्ली से 38 मोस्ट वांटेड अपराधियों को जिसका दावूद के साथ संपर्क था उन्हें पकड़ लिया और अपनी गिरफ्त में रखा, जिसमे दावूद का भाई भी शामिल था। और 21 नवम्बर 2006 को मुबई क्राइम ब्रांच ने दावूद की गैंग से जुड़े 10 सदस्यों को अपने कब्जे में लिया, और यूनाइटेड अरब ने भी अपने कई अपराधियों को भारतीय क्राइम ब्रांच, मुंबई को सौपा।




खबरों के मुताबिक डी. कंपनी का मुख्य उद्देश भारतीय सरकार को गिराकर वहा अपना साम्राज्य फैलाना है। और भारत में आतंकवाद को बढ़ाना है।

SHARE THIS

Author:

Etiam at libero iaculis, mollis justo non, blandit augue. Vestibulum sit amet sodales est, a lacinia ex. Suspendisse vel enim sagittis, volutpat sem eget, condimentum sem.

0 comments: