Narendra Modi Biography in Hindi | नरेंद्र मोदी की जीवनी
पूरा नाम – नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
जन्म – 17 सितम्बर 1950
जन्मस्थान – वडनगर, जि. मेहसाना (गुजरात).
पिता – दामोदरदास मूलचंद मोदी
माता – हीराबेन मोदी
विवाह – जशोदाबेन के साथ
जन्म – 17 सितम्बर 1950
जन्मस्थान – वडनगर, जि. मेहसाना (गुजरात).
पिता – दामोदरदास मूलचंद मोदी
माता – हीराबेन मोदी
विवाह – जशोदाबेन के साथ
नरेन्द्र मोदी की जीवनी – Narendra Modi biography in Hindi
नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को वडनगर के मेहसाना जिले में पंसारी परिवार में हुआ, उनका परिवार मोड़-गंची-तेली संप्रदाय से संबंध रखता हैं, जो भारत सरकार के इतर पिछड़ा वर्ग में आते है. वे दामोदरदास मूलचंद और हीराबेन मोदी को हुए 6 बच्चो में से तीसरे थे. बच्चे होने के नाते नरेन्द्र मोदी वडनगर रेल्वे स्टेशन पर अपने पिता की चाय बेचने में मदत करते थे, और कुछ समय बाद में अपने भाई के साथ बस स्टैंड के पास खुद का चाय का स्टाल चलाना शुरू किया.
उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा 1967 में वडनगर से ही प्राप्त की, उनके शिक्षक ने उनके बारे में बताया की वे एक साधारण विद्यार्थी के साथ एक जबरदस्त वाद-विवादी थे. वाद विवाद में उनकी वाक्पटुता के लिए शिक्षको ने उन्हें सम्मानित भी किया. मोदी नाटक बनाते समय कोई ऐसी भूमिका निभाते थे जो उनके जीवन से भी बड़ा हो, और इसी का प्रभाव उनके राजकीय जीवन पे भी पड़ा.
उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा 1967 में वडनगर से ही प्राप्त की, उनके शिक्षक ने उनके बारे में बताया की वे एक साधारण विद्यार्थी के साथ एक जबरदस्त वाद-विवादी थे. वाद विवाद में उनकी वाक्पटुता के लिए शिक्षको ने उन्हें सम्मानित भी किया. मोदी नाटक बनाते समय कोई ऐसी भूमिका निभाते थे जो उनके जीवन से भी बड़ा हो, और इसी का प्रभाव उनके राजकीय जीवन पे भी पड़ा.
मोदीजी ने 8 साल की अल्पायु में RSS के स्थानीय शाखाओ में प्रशिक्षण हेतु उपस्थित रहना शुरू किया. और वहा उनकी मुलाकात लक्ष्मणराव इनामदार से हुई, जो वकील साहेब के नाम से भी जाने जाते थे, जिन्होंने मोदी को RSS का बालस्वयमसेवक भी नियुक्त किया, और वे मोदी के राजकीय सलाहकार भी बने. जब मोदी RSS में अपना प्रशिक्षण ले रहे थे तब वे वसंत गजेंद्रगडकर और नाथालाल जघदा, भारतीय जन संघ के नेताओ से भी मिले जो बाद में गुजरात में 1980 में बीजेपी के सदस्य बने.
और कम उम्र में ही उनका स्थानीय लड़की जशोदाबेन के साथ विवाह कर दिया गया, नरेन्द्र मोदी उसी समय हाई स्कूल से स्नातक हुए थे इसलिए उन्होंने अपने इस विवाह को अस्वीकार किया. और कुछ पारिवारिक उलझनों की वजह से 1967 में उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा. परिणाम स्वरुप उन्होंने अपने 2 उत्तरी और उत्तर-पूर्व की यात्रा करने में व्यतीत किये.
साक्षात्कार में मोदी ने स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित हिंदु आश्रम का भी उल्लेख किया, और साथ ही कोलकाता के बेलूर मठ, अल्मोरा के अद्विता आश्रम और राजकोट के रामकृष्ण मिशन का भी उल्लेख किया. हर जगह पर बहोत कम समय तक ही रुके थे, क्यू की उनके पास कोई महाविद्यालयीन शिक्षण नहीं था.
मोदी 1968 में बेलूर मठ पहोचे और जल्द ही वहा से निकाल गये, और मोदी ने सबसे जादा कलकत्ता, पश्चीम बंगाल और असम और गुवाहाटी के रास्तो पर यात्रा की. और फिर अंत में वे अल्मोरा के रामकृष्ण आश्रम गये, जहा उच्चशिक्षण ना होने के वजह से उन्हें दोबारा निकाला गया. और फिर वे दिल्ली और राजस्थान होते हुए 1968-69 में वापिस गुजरात आये.
कभी-कभी वो 1969-70 के आस-पास अहमदाबाद छोड़ने से पहले एक-दो बार वडनगर देखने भी गये थे. वे बाद में अपने अंकल के साथ रहने लगे, जो गुजरात के रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन में ही काम करते थे. अहमदाबाद में मोदी ने इनामदार को फिर से अपना परिचय दिया, जो हेडगेवार भवन (RSS मुख्य कार्यालय) में मौजूद थे.
नरेन्द्र मोदी / Narendra Modi का राजनीती को समर्पित जीवन
नरेन्द्र मोदी जी ने अपना पूरा जीवन 1971 में RSS join करने के बाद राजनीती को ही समर्पित किया. 1975-77 में जब राजनितिक झगडे चल रहे थे तब प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी में राज्यों में आपातकाल घोषित किया और RSS जैसी संघटनाओ को बंद करने कहा. तब मोदी ने गुप्त रूप से एक पुस्तक लिखी जिसका नाम “संघर्ष माँ गुजरात”, जिसमे उन्होंने गुजरात के राजनीती को वर्णित किया था.
1978 में, मोदी दिल्ली से राज्यशास्त्र में स्नातक हुए और गुजरात यूनिवर्सिटी में उनका मास्टरी का काम भी 1983 में खत्म किया.
1987 में नरेन्द्र मोदी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, बीजेपी में वे दिन ब दिन आगे बढ़ते गए और सामाजिक हितो के कई काम उन्होंने बीजेपी में रहकर किये. उन्होंने Business के Privatisation, छोटे Business को बढ़ावा दिया. 1995 में मोदी राष्ट्रीय मंत्री के रूप ने नियुक्त हुए, 1998 के चुनाव में बीजेपी को आगे बढ़ाने में उनका सबसे बड़ा हात था.
फेबुअरी 2002 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहे थे. आने जाने वाली ट्रेन पर किसी ने अटैक किया, जो कथित रूप से मुस्लिमो ने किया था. और बदले के प्रतीशोध/ इरादे से गुलबर्ग के मुस्लिमो पर भी हमला किया गया. इस तरह हिंसा बढती गयी इस वजह से मोदी सरकार को उस समय कर्फ्यू की घोषणा करनी पड़ी.
कुछ समय बाद दोनों ही समुदाय में शांति की स्थिति आई और तब मोदी सरकार की कई लोगो ने पुरे देश में आलोचना की क्यू की उस हमले में 1000 से भी ज्यादा मुस्लिम मारे गए थे. मोदी के विरुद्ध 2 जांच कमिटी गठित करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पाया की मोदी के विरुद्ध कोई गवाह नहीं है जिस से उन्हें दोषी ठहरा सके.
और बाद में मोदी 2007 और 2012 में पुनः गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए. और तब से मोदी हिन्दित्वावादी बातो पर कम और आर्थिक development पर ज्यादा ध्यान देने लगे. गुजरात के विस्तार और प्रगतशील होने का श्रेय आज भी मोदी को ही दिया जाता है. आज उनका गुजरात मॉडल पुरे राष्ट्र में प्रसिद्द है. क्यू की उन्होंने गुजरात से गरीबी हटाकर वहा कामकाज बढाया.
जो निरंतर चलते रहते हैं वही बदले में मीठा फल पाते हैं। सूरज की अटलता को देखो – गतिशील और लगातार चलने वाला, कभी ठहरता नहीं, इसलिए बढ़ते चलो – Narendra Modi
नरेन्द्र मोदी / Narendra Modi का प्रधानमंत्री नियुक्त होना
जून 2013 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की और से मोदी को प्रधानमंत्री उम्मेदवार घोषित किया गया. जहा कई लोगो ने पहले से ही उन्हें भारत का प्रधानमंत्री मान लिया था. क्यों की कई लोगो का मानना था की मोदी में भारत की आर्थिक स्थिति बदलने का और भारत का विकास करने की ताकत है और अंत में मई 2014 में उन्होंने और उनकी बीजेपी पार्टी में लोकसभा चुनाव में 534 में से 282 सीट प्राप्त कर इतिहासिक जित दर्ज की. और इसी जित के साथ उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हराया, जो पिछले 60 सालो से भारतीय राजनीती को संभाल रही थी. और भारतीय जनता ने उस समय दिखा दिया था के वे उस समय मोदी के रूप में भारत में बदलाव लाना चाहते थे.
और इसी जित के साथ उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हराया, जो पिछले 60 सालो से भारतीय राजनीती को संभाल रही थी. और भारतीय जनता ने उस समय दिखा दिया था के वे उस समय मोदी के रूप में भारत में बदलाव लाना चाहते थे.
एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो, अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो, यही सफल होने का रास्ता है – Swami Vivekananda
मेरे जीवन में मिशन (Mission) सबकुछ है, एम्बिशन (Ambition) कुछ भी नहीं … यदि मैं नगर निगम का भी अध्यक्ष होता तो भी उतनी ही मेहनत से काम करता जितना C.M. होते हुए करता हूँ – Narendra Modi
Gujarat में Modi की सफलता देखकर भाजपा (B.J.P.) के बड़े नेताओं ने Modi को 2014 लोक सभा चुनावों का प्रधानमंत्री उम्मीदवार (Prime Minister Candidate) घोषित किया। मोदी ने पूरे भारत में अनेक रैलियाँ की जिनमें हज़ारों लोग उन्हें सुनने आते थे। मोदी ने सोशल मीडिया (Social Media) का भी भरपूर लाभ उठाया और लाखों लोगों तक अपनी बात रखी। मोदी के गुजरात में विकासशील कार्य, उनके प्रेरणादायक भाषण (Inspirational Speech), देश के प्रति उनका प्यार, उनकी साधारण शुरुआत और उनकी सकारात्मक सोच (Positive thinking) के कारण उन्हें भारी मात्रा में वोट मिले और वे भारत के पंद्रहवे प्रधानमंत्री बने (India ‘s Fifteenth Prime Minister)।
प्रधानमंत्री (P.M.) बनने के बाद वे भारत का कुशलता से नेतृत्व कर रहे हैं और भारत को नई उचाईओं पर पहुँचा रहे हैं। उन्होंने कई विदेश यात्राएँ की और भारत की छवि संपूर्ण विश्व में मज़बूत की। इसी कारण विदेशों द्वारा भारत में काफी निवेश हुआ। मोदी ने पड़ोसी देशों से भी काफी अच्छे संबंध बनाए। मोदी ने जन धन योजना (Jan Dhan Yojna), स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Campaign), मेक इन इंडिया (Make in India) और डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की जिससे India में काफी विकास (Development) हो रहा है ।
अगर 125 करोड़ भारतीय एकता, शांति और सदभाव के मंत्र के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक कदम बढ़ाएं तो देश एक बार में 125 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा – Narendra Modi
डरते वो हैं जो अपनी छवि के लिए मरते हैं, मैं तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूँ, इसीलिए किसी से नहीं डरता हूँ – Narendra Modi
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