Monday, June 26, 2017

बीरबल का इतिहास / Birbal History In Hindi

बीरबल का इतिहास / Birbal History In Hindi

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बीरबल का जन्म महेश दास के नाम से 1528 में, कल्पी के नजदीक किसी गाव में हुआ था. आज उनका जन्मस्थान भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आता है. इतिहासकारो के अनुसार उनका जन्मगाव यमुना नदी के तट पर बसा टिकवनपुर था. उनके पिता का नाम गंगा दास और माता का नाम अनभा दवितो था. वे हिन्दू ब्राह्मण परीवार जिन्होंने पहले भी कविताये या साहित्य लिखे है, उनके तीसरे बेटे थे.


बीरबल / Birbal हिंदी, संस्कृत और पर्शियन भाषा में शिक्षा प्राप्त की थी. बीरबल कविताये भी लिखते थे, ज्यादातर उनकी कविताये ब्रज भाषा में होती थी, इस वजह से उन्हें काफी प्रसिद्धि भी मिली थी.
बीरबल मुग़ल शासक अकबर के दरबार के वो सबसे प्रसिद्ध सलाहकार थे. बीरबल भारतीय इतिहास में उनकी चतुराई के लिये जाने जाते है, और उनपर लिखित काफी कहानिया भी हमे देखने को मिलती, जिसमे बताया गया है की कैसे बीरबल चतुराई से अकबर की मुश्किलो को हल करते थे. 1556-1562 में अकबर ने बीरबल को अपने दरबार में कवी के रूप में नियुक्त किया था. बीरबल का मुग़ल साम्राज्य के साथ घनिष्ट संबंध था, इसीलिये उन्हें महान मुग़ल शासक अकबर के नवरत्नों में से एक कहा जाता था. 1586 में, उत्तरी-दक्षिणी भारत में लड़ते हुए वे शहीद हुए थे. बीरबल की कहानियो का कोई सबूत हमें इतिहास में दिखाई नही देता. अकबर के साम्राज्य के अंत में, स्थानिक लोगो ने अकबर-बीरबल की प्रेरित और प्रासंगिक कहानिया बनानी भी शुरू की. अकबर-बीरबल की ये कहानिया पुरे भारत में धीरे-धीरे प्रसिद्ध होने लगी थी.
राजा बीरबल दान देने में अपने समय अद्वितीय थे और पुरस्कार देने में प्रसिद्ध थे. गान विद्या भी अच्छी जानते थे. उनके  दोहे प्रसिद्ध हैं. उनकी कहावतें और लतीफ़े सब में प्रचलित हैं.





Best 5: अकबर बीरबल की कहानियाँ Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi


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अकबर और बीरबल(Akbar and Birbal) को कौन नहीं जनता? क्या आपको पता है अकबर और बीरबल की कहानिया विश्व प्रसिद्ध हैं और
उनकी हर एक कहानी में हमें कुछ ना कुछ सिखने का मौका मिलता है? इस पोस्ट में हमने (5 Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi) 5 सबसे बेहतरीन अकबर बीरबल के शिक्षाप्रद कहानी(Educational Stories in Hindi) को हिंदी में लिखा है। ये कहानियाँ बच्चे, युवा और सभी वर्गों के लोगों के लियें बहुत ही ज्ञानवर्धक हैं।


कहानी 1: बीरबल ने चोर को पकड़ा 



एक बार राजा अकबर के प्रदेश में चोरी हई। इस चोरी में एक चोर नें एक व्यापारी के घर से बहुत ही कीमती सामान चुरा लिया था। उस व्यापारी को इस बात पर तो पूरा विश्वास था कि चोर उसी के 10 नौकरों में से कोई एक था पर वह यह नहीं जानता था की वह कौन है।
यह जानने के लिए की चोर कौन है ! वह व्यापारी बीरबल के पास गया और उसने बीरबल से मदद मांगी। बीरबल नें भी इस बात पर हाँ कर दिया और अपने सिपाहियों से कहा कि सभी 10 नौकरों को कारागार/जेल में डाल दिया जाये। यह सुनते ही उसी दिन सिपाहियों द्वारा सभी नौकरों को पकड़ लिया गया। बीरबल नें सबसे पुछा कि चोरी किसने किया है परन्तु किसी नें भी यह मानने को इंकार कर दिया की चोरी उसने किया है।



बीरबल नें थोड़ी देर सोचा, और कुछ देर बाद वह दस समान लम्बाई की छड़ी ले कर आये और सभी चुने हुए लोगों को एक-एक छड़ी पकड़ा दिया। पर छड़ी पकडाते हुए बीरबल नें एक बात कहा ! उस इंसान की छड़ी 2 इंच बड़ी हो जाएगी जिस व्यक्ति नें यह चोरी की है। यह कह कर बीरबल चले गए और अपने सिपाहियों को निर्देश दिया की सुबह तक उनमें से किसी भी व्यक्ति को छोड़ा ना जाये।
जब बीरबल नें सुबह सभी नौकरों की छड़ी को ध्यान से देखा तो पता चला उनमें से एक नौकर की छड़ी 2 इंच छोटी थी। यह देकते ही बीरबल ने कहा ! यही है चोर।
बाद में यह देख-कर उस व्यापारी नें बीरबल से प्रश् किया कि कैसे उन्हें पता चला की चोर वही है। बीरबल नें कहा कि चोर नें अपने छड़ी के 2 इंच बड़े हो जाने के डर से रात के समय ही अपने छड़ी को 2 इंच छोटा कर दिया था।

कहानी 1: शिक्षा/Moral

सत्य कभी नहीं छुपता इसलिए जीवन में कभी भी झूट मत बोलो।
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कहानी 2: 3 प्रश्न (3 Question in Hindi) – Akbar and Birbal Hindi Kahaniya

बीरबल, राजा अकबर के बहुत प्रिय थे। वह अपने बहुत सारे निर्णय बीरबल की चालाकी और बुद्धिमानी के बल पर सभा में लेते थे। यह देख कर कुछ दरबारीयों के मन में बीरबल के प्रति घृणा जागृत हो गयी। उन दरबारियों नें मिल कर बीरबल को बादशाह अकबर के सामने निचा दिखने के लिए एक योजना बनाया।
एक दिन भरी सभा में उन दरबारियों नें अकबर के समक्ष कहा कि अगर बीरबल हमारे 3 प्रश्नों का उत्तर दे देंगे तो हम मान जायेंगे की बीरबल से बुद्धिमान कोई नहीं। बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए बादशाह अकबर हमेशा तईयार खड़े रहते थे। यह बात सुनते ही राजा अकबर नें हाँ कर दिया।





3 प्रश्न कुछ इस प्रकार के थे –
प्रश्न 1: असमान में कितने तारे हैं?
प्रश्न 2: इस धरती का कंद्र कहाँ है?
प्रश् 3: इस पृथ्वी में कितने पुरुष और महिला हैं?
यह सुनते ही अकबर ने तुरंत बीरबल से कहा! अगर तुम इन प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाओगे तो तुम्हे अपने मुख्यमंत्री के पद को त्यागना पड़ेगा।
पहले प्रश्न के उत्तर के लिए, बीरबल एक घने बालों वाले भेड़ को कर आये और कहने लगे की जितने बाल इस भेड़ के शारीर में हैं उतने ही तारे असमान में हैं। अगर मेरे दरबारी मित्र इस भेड़ के सभी बाल गिनना चाहें तो गिन सकते हैं।
दुसरे प्रश्न के उत्तर के लिए, बीरबल जमीन पर कुछ रेखाएं खीचने लगे और कुछ देर बाद उन्होंने एक लोहे की छड़ी को गाड़ दिया और कहा यह है धरती का केंद्र बिंदु। अगर मेरे दरबारी दोस्त मापना चाहते हैं तो स्वयं माप सकते हैं।




तीसरे सवाल के उत्तर में बीरबल बोले, वैसे तो यह बताना बहुत ही मुश्किल है कि इस दुनिया में पुरुष कितने हैं और महिलाएं कितनी हैं क्योंकि इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको उस गणना में नहीं जोड़ा जा सकता जैसे की हमारे यह दरबारी मित्र। अगर इस प्रकार के लोगों को हम मार डालें तो हमें गणना करने में भी आसानी होगी।
यह सुनते ही सभी दरबारियों नें सर निचे कर लिया और कहा ! बीरबल, तुमसे चालक और बुद्धिमान कोई नहीं

कहानी 2: शिक्षा/Moral

सफलता प्राप्त करना का कोई न कोई रास्ता जरूर होता है बस अपनी बातों पर दृढ़ संकल्प रखना जरूरी है।

कहानी 3: बीरबल और अंगूठी चोर(Birbal caught Ring thief in Hindi)

एक दिन भरे दरबार में राजा अकबर नें अपना अंगूठी खो दिया। जैसे ही राजा को यह बात पता चली उन्होंने सिपाहियों से ढूँढने को कहा पर वह नहीं मिला।
राजा अकबर नें बीरबल से दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा! आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।
बीरबल नें दरबार में बैठे लोगों की तरफ देखा और राजा अकबर से कहा !  महाराज चोरी इन्हीं दर्बर्यों में से ही किसी ने किया है। जिसके दाढ़ी में तिनका फसा है उसी के पास आपका अंगूठी हैा।
जिस दरबारी के पास महाराज का अंगूठी था वह चौंक गया और अचानक से घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को धयान से देखने लगा। बीरबल नें उसकी हरकत को देख लिया और उसी वक्त सैनिकों को आदेश दिया और कहा! इस आदमी की जांच किया जाए।
बीरबल सही था अंगूठी उसी के पास थी। उसको पकड़ लिया गया और कारागार में कैद कर लिया गया। राजा अकबर बहुत खुश हुए।

कहानी 3: शिक्षा/Moral

एक दोषी व्यक्ति हमेशा डरता रहता है।

कहानी 4: राज्य के कौवों की गिनती Crows in the Kingdom – (Akbar Birbal Story for Kids/Children in Hindi)

एक दिन राजा अकबर और बीरबल राज महल के बगीचे में टहल/घूम रहे थे। बहुत ही सुन्दर सुबह थी, बहुत सारे कौवे तालाब के आस पास उड़ रहे थे। कौवों को देखते ही बादशाह अकबर के मन में एक प्रश्न उत्पन्न हुआ। उनके मन में यह प्रश्न उत्पन्न हुआ कि उनके राज्य में कुल कितने कौवे होंगे?
बीरबल तो उनके साथ ही बगीचे में टहल रह थे तो राजा अकबर नें बीरबल से ही यह प्रश्न  कर डाला और पुछा ! बीरबल, आखिर हमारे राज्य में कितने कौवे हैं? यह सुनते ही चालक बीरबल ने तुरंत उत्तर दिया – महाराज, पुरे 95,463 कौवे हैं हमारे राज्य में।
महाराज अकबर इतने तेजी से दिए हुए उत्तर को सुन कर हक्का-बक्का रह गए और उन्होंने बीरबल की परीक्षा लेने का सोचा। महाराज नें बीरबल से दोबारा प्रश्न किया ! अगर तुम्हारे गणना किये गए अनुसार कौवे ज्यादा हुए? बिना किसी संकोच के बीरबल बोले हो सकता है किसी पड़ोसी राज्य के कौवे घूमने आये हों। और कम हुए तो! बीरबल नें उत्तर दिया, ” हो सकता है हमारे राज्य के कुछ कौवे अपने किसी अन्य राज्यों के रिश्तेदारों के यहाँ घूमने गए हों।

कहानी 4: शिक्षा/Moral

जीवन में शांत मन से विचारों को सुनने और सोचने से, जीवन के हर प्रश्न का उत्तर निकल सकता है।

कहानी 5: बीरबल की खिचड़ी Birbal’s Khichri Story in Hindi




यह एक ठण्ड के मौसम की सुबह थी। राजा अकबर और बीरबल सैर कर रहे थे। उसी वक्त बीरबल के मन में एक विचार आया और वो राजा अकबर के सामने बोल पड़े एक आदमी/मनुष्य पैसे के लिए कुछ भी कर सकता हैं। यह सुनते ही अकबर नें पास के झील के पानी में अपनी उँगलियों को डाला और झट से निकाल दिया, पानी बहुत ही ठंडा होने के कारण। अकबर बोले क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो पैसे के लिए पूरी रात इस झील के ठन्डे पानी में खड़ा रह सके। बीरबल नें कहा, ” मुझे पूरा यकीं हैं मैं किसी ना किसी ऐसे व्यक्ति को जरूर ढून्ढ लूँगा। यह सुनते ही अकबर नें बीरबल से कहा, ” अगर तुम इस प्रकार के किसी मनुष्य को हमारे पास ले कर आओगे और वह यह कार्य करने में सफल हो गया तो हम उसे सौ स्वर्ण मुद्राएँ देंगे।
अगले ही दिन बीरबल खोज में लग गए और उन्हें ऐसा आदमी मिल गया जो बहुत ही गरीब था और सौ स्वर्ण मुद्राओं के लिए उस झील के पानी में पूरी रात खड़े रहने को राज़ी हो गया। वह आदमी झील के पानी में जा कर खड़े हो गया। राजा अकबर के सैनिक भी उस गरीब मनुष्य को रात भर पहरा देने के लिए झील के पास खड़े थे। वह पूरी रात उस झील के पानी में गले तक खड़ा रहा। अगले दिन सुबह उस आदमी को दरबार में राजा अकबर के पास लाया गया। बादशाह अकबर नें उस व्यक्ति से पूछा, ” तुम पूरी रात कैसे इतने ठन्डे पानी में अपने सर तक डूब कर रह पाए।
उस गरीब व्यक्ति नें उत्तर में कहा, ” हे महाराज में पूरी रात आपके महल में जलते हुए एक दीप को रातभर देखता रहा, जिससे की मेरा ध्यान ठण्ड से दूर रहे। अकबर ने यह सुनते ही कहा, ” ऐसे व्यक्ति को कोई इनाम नहीं मिलेगा जिसने पूरी रात मेरे महल के दीप की गर्माहट से ठन्डे पानी में समय बिताया हो।
यह सुन कर वह गरीब आदमी बहुत दुखी हुआ और बीरबल से उसने मदद मांगी। अगले दिन बीरबल दरबार में नहीं गए। जब राजा परेशान हुए तो उन्होंने अपने सैनिकों को उनके घर भेजा। जब सैनिक बीरबल के घर से लौटे, तो उन्होंने राजा अकबर से कहा कि जब तक बीरबल की खिचड़ी नहीं पकेगी वह दरबार में नहीं आएंगे। राजा कुछ घंटों के लिए रुके और उसी दिन शाम को वह स्वयं बीरबल के घर गए। जब वह वह पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बीरबल कुछ लकड़ियों में आग लगा कर निचे बैठे थे, और कुछ 5 फीट ऊपर एक मिटटी के एक कटोरे में खिचड़ी पकाने के लिए लटका रखा था।



यह देखते ही राजा और उनके सैनिक हँस पड़े। अकबर बोल पड़े, “यह खिचड़ी कैसे पक सकती है जबकी चावल से भरा कटोरा तो आग से बहुत दूर है।
बीरबल नें उत्तर दिया, “अगर कोई आदमी इतनी दूर से एक दीपक की गर्मी से पूरी रात झील के ठंडे पानी में समयबिता सकता है तो यह किचड़ी क्यों नहीं पक सकती है।
राजा अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने उस गरीब आदमी को उसका इनाम(सौ स्वर्ण मुद्राएँ) प्रदान किया।

कहानी 5: शिक्षा/Moral






जीवन में दुसरे लोगों की मेहनत/परिश्रम के महत्व को समझना चाहिए और हर किसी व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए।

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1 comment:

  1. Sir very nice all storeis of birbal
    Thanks for writing such type of story

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