जयपुर के हवा महल का इतिहास – Jaipur Hawa Mahal History In Hindi
हवा महल (Hawa Mahal) भारत के जयपुर शहर में स्थित एक महल है. इसका नाम हवा महल इसलिये रखा गया क्योकि महल में महिलाओ के लिये ऊँची दीवारे बनी हुई है ताकि वे आसानी से महल के बाहर हो रहे उत्सवो का अवलोकन कर सके और उन्हें देख सके. यह महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरो से बना हुआ है, यह महल सिटी पैलेस के किनारे पर ही बना हुआ है.
हवा महल का इतिहास – Jaipur Hawa Mahal History In Hindi
इसका निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था. हिन्दू भगवान कृष्णा के मुकुट के रूप में ही लाल चंद उस्ताद ने इसे डिज़ाइन कीया था. इस पाँच मंजिला ईमारत के बाहर समान आकर के शहद के छत्ते भी लगे हुए है और महल में 953 छोटी खिड़कियां भी है जिन्हें झरोखा कहा जाता है और इन झरोखो को बारीक़ कलाकृतियों से सजाया भी गया है. उस समय महिलाये चेहरे पर जाली ढककर ही बाहर निकला करती थी और दैनिक जीवन का अवलोकन करती थी, उस समय महिलाओ को चेहरे पर “परदा” ढकना अनिवार्य था. कहा जाता है की इन जालियों की मदद से उन्हें चेहरे को ठंडी हवा भी लगती थी और तपती धुप में भी उनका चेहरा ठंडा रहता था. पुरे 50 साल बाद 2006 में महल की मरम्मत की गयी, इस समय इस स्मारक का मूल्य तक़रीबन 4568 मिलियन रुपये बताया गया था. वहाँ के कॉर्पोरेट सेक्टर ने इस स्मारक की सुरक्षा का जिम्मा उठाया लेकिन बाद में भारत के यूनिट ट्रस्ट ने यह जिम्मा उठाया. हवा महल के प्रसिद्ध होने के बाद इसके कॉम्पलेक्स को भी विकसित किया गया था. पर्यटको को बहोत सी इतिहासिक चीजे हवा महल में देखने मिलती है. महल में एक और आकर्षित करने वाली बात दीवार के मुड़े हुए किनारे है. जयपुर में बने दूसरे स्मारकों की तरह ही यह महल भी लाल और गुलाबी रंग के पत्थरो से बना हुआ है.
1) बिना किसी आधार के बना यह महल विश्व का सबसे ऊँचा महल है.सामने की तरफ कोई प्रवेश द्वार नही है. यदि आपको अंदर जाना है तो आपको पिछले भाग से जाना होंगा.
3) हवा महल में कुल पाँच मंजिले है और आज भी यह महल सफलता से अपनी जगह पर 87 डिग्री के एंगल में खड़ा है.
4) हवा महल “पैलेस ऑफ़ विंड्स” के नाम से भी जाना जाता है.
5) हवा महल में कुल पाँच मंजिले है.
6) हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ है जो महल को ठंडा रखती है.
8) हवा महल को लाल चंद उस्ताद ने डिज़ाइन किया था.
9) यह महल विशेषतः जयपुर की शाही महिलाओ के लिये बनवाया गया था.
10) इस महल को बनाने का उद्देश्य शाही महिलाओ को बाज़ार और महल के बाहर हो रहे उत्सवो को दिखाना था.
11) एक एकमात्र ऐसा महल है जो मिगल और राजपूत आर्किटेक्चरल स्टाइल में बना हुआ है.
12) यह महल बहोत से भारतीयो और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मो का पसंदीदा शूटिंग स्पॉट बना हुआ है.
13) हवा महाल में ऊपरी मंजिल में जाने के लिए केवल ढालू रास्ता है, वहाँ ऊपर जाने के लिये कोई सीढ़ी नही बनी है.
14) महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में हवा महल को बनवाया था.
16) हवा महल की भगवान श्री कृष्ण के राजमुकुट के आकार का बनाया गया है.
18) हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरो से बनाया गया है.
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